Vice President Election 2022 l उप-राष्ट्रपति चुनाव की क्या प्रक्रिया है

Vice President Election 2022: नमस्कार दोस्तों ! आज हम विस्तार से बात करने वाले है की उप-राष्ट्रपति चुनाव (Vice President Election ) की क्या प्रक्रिया है, उप-राष्ट्रपति की सैलरी कितनी होती है ? उप-राष्ट्रपति को संविधान ने क्या अधिकार दिया है ? उप-राष्ट्रपति चुनाव कौन vote कर सकता है, उप-राष्ट्रपति पद के लिए क्या योग्यताएँ होती है , आदि ।

दोस्तों! उप-राष्ट्रपति पद महत्वपूर्ण संवैधानिक पद है । संविधान के अनुच्छेद-63 के अनुसार, भारत का एक उप-राष्ट्रपति होगा । उप-राष्ट्रपति पद राष्ट्रपति के बाद देश का दूसरा सर्वोच्च पद होता है । तथा राष्ट्रपति के बाद उप-राष्ट्रपति देश का दूसरा नागरिक भी होता  है ।

भारत में उप-राष्ट्रपति पद (Vice President election) सम्बन्धी प्रावधान अमेरिका के संविधान से लिया गया है । उप-राष्ट्रपति संसद के उच्च सदन राज्यसभा का ‘पदेन सभापति’ होता है । तथा उप-राष्ट्रपति पद की गरिमा इस बात से भी समझी जा सकती है कि देश में अब तक हुए 11 उप-राष्ट्रपतियों में से 6 उप-राष्ट्रपति बाद में राष्ट्रपति भी बने । किसी भी कारण राष्ट्रपति पद रिक्त होने की स्थिति में उपराष्ट्रपति ही कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में कार्य करता है ।

                उप-राष्ट्रपति (Vice President Election) का कार्यकाल 5 वर्षों का होता है । लेकिन कार्यकाल पूरा होने के पश्चात नये उप-राष्ट्रपति का चुनाव होने तक वह अपने पद पर बना रहेगा ।

                यदि मृत्यु हो जाने या किसी अन्य कारण से उप-राष्ट्रपति पद रिक्त हो जाता है, तो हर हाल में 6 महीने के भीतर चुनाव करा लिया जाता है क्योंकि कार्यवाहक उप-राष्ट्रपति का संविधान में कोई प्रावधान नहीं है ।

उप-राष्ट्रपति पद के लिए निर्वाचन प्रक्रिया (Election process for Vice President Election)

राष्ट्रपति की तरह उप-राष्ट्रपति को (Vice President election) भी जनता द्वारा सीधे नहीं चुना जाता बल्कि परोक्ष विधि से चुना जाता है। वह संसद के दोनों सदनों के सदस्यों के निर्वाचक मंडल द्वारा चुना जाता है । अतः यह निर्वाचक मंडल, राष्ट्रपति के निर्वाचक मंडल से दो बातों में भिन्न है :

  • इसमें संसद के निर्वाचित और मनोनीत दोनों सदस्य होते हैं ।
  • इसमें राज्य विधानसभाओं के सदस्य शामिल नहीं होते हैं ।

डॉ. बी. आर. अम्बेडकर ने इन विभिन्नताओं की व्याख्या करते हुए कहा :

“राष्ट्रपति, राष्ट्र का प्रमुख होता है और उसमें केंद्र तथा राज्य दोनों के प्रशासन करने की शक्तियाँ निहित हैं । इस प्रकार उसके चुनाव में यह आवश्यक है कि न केवल संसद के सदस्य बल्कि राज्य विधायिका के सदस्य भी भाग लें। परंतु, उप-राष्ट्रपति के कार्य सामान्य हैं । उसका मुख्य कार्य राज्यसभा की अध्यक्षता करना है ।”

यह एक विरल अवसर होता है और वह भी अल्पकालिक समय के लिए; जब उसे राष्ट्रपति के कर्तव्यों का निर्वहन करने के लिए कहा जाता है । इस प्रकार यह आवश्यक नहीं लगता कि राज्य विधायिकाओं के सदस्यों को उप-राष्ट्रपति के चुनाव में भाग लेने हेतु आमंत्रित किया जाए ।

किंतु, दोनों मामलों में चुनाव (Vice President election) प्रक्रिया समान होती है । अर्थात राष्ट्रपति के चुनाव की तरह उप-राष्ट्रपति का चुनाव भी आनुपातिक प्रतिनिधित्व के आधार पर एकल संक्रमण मत द्वारा और गुप्त मतदान से होता है ।

आसान शब्दों में इस चुनाव में (Vice President Election) मतदाता को वरीयता के आधार पर मतदान करना होता है, जैसे वह बैलेट पेपर पर मौजूद उम्मीदवारों में अपनी पहली पसन्द के उम्मीदवार को 1, दूसरी पसन्द के उम्मीदवार को 2 और इसी तरह से अन्य प्रत्याशियों के आगे अपनी प्राथमिकता नंबर के तौर पर लिखता है । मतदाता को अपनी यह वरीयता रोमन अंक के रूप में लिखनी होती है ।

इसे लिखने के लिए भी चुनाव आयोग के द्वारा उपलब्ध कराये गये खास पेन का ही इस्तेमाल करना होता है । (अभी तक केवल एक बार 1969 ई. के राष्ट्रपति पद के चुनाव की मतगणना में द्वितीय दौर की मतगणना की गयी थी, जिसके बाद वी. वी. गिरि राष्ट्रपति चुने गये )।

उप-राष्ट्रपति पद के लिए योग्यताएँ (Eligibility criteria for Vice President election)

राष्ट्रपति और उप-राष्ट्रपति पद के लिए योग्यताएँ लगभग समान हैं ।

  • उम्मीदवार भारत का नागरिक होना चाहिए ।
  • उम्मीदवार की आयु 35 वर्ष से कम न हो ।
  • उप-राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार राज्यसभा सदस्य बनने की योग्यता रखता हो ।
  • उप-राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव निर्वाचक मण्डल के 20 मतदाताओं ने किया हो और 20 मतदाताओं ने ही इस प्रस्ताव का अनुमोदन भी किया हो ।

उप-राष्ट्रपति पद के लिए शर्तें (Conditions for Vice President election)

अनुच्छेद 66(4) के अनुसार, एक उप-राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को किसी भी सार्वजनिक तथा निजी प्राधिकरण के अधीन लाभ के पद पर नहीं होना चाहिए ।

                लेकिन एक वर्तमान राष्ट्रपति, उप-राष्ट्रपति, राज्यपाल तथा केंद्र या राज्य सरकार के अधीन किसी भी मंत्री को लाभ के पद पर नहीं माना जाता है । इसके अलावा उम्मीदवार को निर्वाचन कार्यालय में 15,000 की जमानत राशि जमा करनी होगी ।

उप-राष्ट्रपति पद के लिए मत देने का अधिकार :

अनुच्छेद-66(1) के अनुसार उप- राष्ट्रपति पद (Vice President Election) का निर्वाचक मण्डल इस प्रकार है ।

  • वर्तमान में लोकसभा (543) तथा राज्यसभा (233) के सभी निर्वाचित  सदस्य ।
  • वर्तमान में लोकसभा के मनोनीत सदस्यों का पद खत्म किये जाने के बाद राज्यसभा के 12  मनोनीत सदस्य।

उप-राष्ट्रपति पद के लिए मतों की गिनती कैसी होती है : (How to calculate vote for Vice-President election)

राष्ट्रपति पद की तरह ही उप-राष्ट्रपति पद में भी चुनाव (Vice President Election)में सबसे ज्यादा मत हासिल करने से ही जीत तय नहीं होती । उप-राष्ट्रपति वही बनेगा, जो मतदाताओं के मतों के कुल वेटेज का आधे से अधिक हिस्सा हासिल करेगा ।

                मतदान होने के बाद मतगणना शुरू होती है। मतगणना की शुरुवात में निर्वाचन कोटा  निकाल लिया जाता है।

निर्वाचन कोटा = (कुल पड़े वैध मतो की संख्या /2 ) + 1

निर्वाचन कोटा निकालने के बाद प्रथम दौर की मतगणना शुरू होती है, इस दौर में प्रथम वरीयता के ही मत गिने जाते हैं । यदि किसी उम्मीदवार को निर्वाचन कोटा के बराबर प्रथम वरीयता के मत हासिल हो जाते हैं तो उसे विजयी घोषित कर दिया जाता है । यदि किसी भी उम्मीदवार के प्रथम वरीयता के मत निर्वाचन कोटा के बराबर नहीं हासिल होते तो दूसरे दौर की मतगणना शुरू होगी इस दौर में द्वितीय वरीयता के मत गिने जायेंगे ।

दूसरा काम यह किया जायेगा कि प्रथम दौर में जिस उम्मीदवार को सबसे कम मत मिले हैं, उसे निर्वाचन प्रक्रिया से बाहर कर दिया जायेगा । लेकिन उसके प्रथम वरीयता मतों को ले लिया जायेगा, अब इन मतों को ऊपर के उम्मीदवारों में उस अनुपात में बाँट दिया जायेगा। जिस अनुपात में उन्होंने द्वितीय वरीयता के मत हासिल किये हैं, यदि इस बंटवारे से किसी उम्मीदवार को निर्वाचन कोटा के बराबर मत हासिल हो जाते हैं तो उसे विजयी घोषित कर दिया जाता है ।

शपथ ग्रहण : – उप-राष्ट्रपति पद के लिए जीता हुआ उम्मीदवार राष्ट्रपति के समक्ष संविधान की रक्षा की शपथ लेगा और शपथ-पत्र पर अपना हस्ताक्षर करेगा ।

उप-राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव विवाद : –

उप-राष्ट्रपति के चुनाव से संबंधित सभी शंकाएं व विवादों की जाँच और निर्णय उच्चतम न्यायालय द्वारा किए जाते हैं, जिसका निर्णय अंतिम होगा । उप-राष्ट्रपति के चुनाव को निर्वाचक मंडल के अपूर्ण होने के आधार पर चुनौती नहीं दी जा सकती ।

                अर्थात जब निर्वाचक मंडल में किसी सदस्य का पद रिक्त हो, जैसे वर्तमान (2022) में जम्मू कश्मीर की विधानसभा भंग होने के कारण राज्यसभा में जम्मू कश्मीर के कोटे की 4 सीटें रिक्त हैं ।

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